अब क्यों देर करता है? उठ़, बपतिस्मा ले, और उसका नाम लेकर अपने पापों को धो डाल।” (प्रेरितों के काम २२:१६)*
बपतिस्मा की आवश्यकता और उसकी महत्त्वता के संबंध में अधिकांश विश्वासी लोग अनजान होते हैं। यदि हमारे शरीर में से किसी विटामीन की कमी हो जाती हैं तो हम बिमार पड़ जाते हैं। इसी रीति से यदि पानी में बपतिस्मा की साक्षी के आधीन न हों तो हम आत्मिक जीवन में वृद्धि नहीं पा सकते। शैतान इस विषय के संबंध में विश्वासियों को अंधे रखने के लिए कई कुयुक्तियां रचता है। कितने विश्वासी लोग ऐसी दलील करते हैं कि हम नया जन्म पाये हैं यही काफी हैं; बपतिस्मा की कोई आवश्यकता नहीं। नामधारी मसीहियों के लिए बपतिस्मा एक संस्कार है, पर विश्वासीयों के लिए वह एक गवाही है। बपतिस्मा के द्वारा प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु, गाड़े जाने और पुनरूत्थान में हमारी सहभागिता का रहस्य हम प्रकाश के द्वारा समझ सकते हैं।
मेरे जीवन परिवर्तन के बाद दो वर्ष तक मुझे बपतिस्मा का विचार तक नहीं आया। मैं हर दिन पवित्र शास्त्र पढ़ता था। कई बार तो मैं पूरा दिन बाइबल पढ़ने में ही बिताता था। तो भी बपतिस्मा की जरूरत नहीं ऐसा मानकर मैंने बपतिस्मा नहीं लिया। सन् १९३२ के फरवरी महिने में एक शनिवार सुबह जब मैं मनन के समय में था तब मत्ती ३:१३ के वचन द्वारा प्रभु ने मेरे साथ बात कीया, ‘उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे पर यूहन्ना के पास उस से बपतिस्मा लेने आया।’ प्रभु ने बहुत ही स्पष्ट रीति से मुझसे पूछा, कि ‘क्या तेरे उद्धारकर्ता की तुलना में तू किसी रीति से ज्यादा अच्छा हैं?’ मैंने कहा, ‘प्रभु मैं ने ऐसा कभी नहीं कहा।’ तब उसने सवाल किया कि, ‘तो बपतिस्मा के संबंध में क्या?’ प्रभु ने मुझसे बहुत स्पष्ट बात करते हुए समझाया कि उसे स्वयं को बपतिस्मा लेने की जरूरत नहीं थी। पर उसने तो मेरे खातिर बपतिस्मा लिया था। दूसरे ही दिन मैंने बपतिस्मा लिया। उस दिन मैंने स्वयं ही सभा चलायी और सभा के दरमियान मेरा बपतिस्मा हुआ। मैं जब पानी में से बाहर आया तब अति आनन्द से भरपूर हुआ और उस दिन से बाइबल मेरे लिए एक नया ही पुस्तक बन गया। प्रार्थना और गवाही देने में मैंने बहुत स्वतंत्रता पाई। मेरे लिए सब कुछ नया हो गया। सुसमाचारों में और पत्रियों में बपतिस्मा के संबंध में ईक्यावन (५१) संदर्भ हैं। बपतिस्मा यह कोई धार्मिक विधि नहीं है परंतु वह एक गवाही है। जो लोग बपतिस्मा के आधीन नहीं होते वे पराजित जीवन जीते हैं। विजय के लिये वे मनोबल के ऊपर या उपवास या लम्बी प्रार्थनाओं के ऊपर आधार रखते हैं, परन्तु वे हार जाते हैं। प्रभु यीशु के साथ की एकता से हमको जय प्राप्त होता है। बपतिस्मा के द्वारा हम यह प्रगट करते हैं कि हम हमारे प्रभु यीशु के साथ आत्मा में एकरूप हुए हैं। इस कारण से मसीह की भरपूरी में हमारा भाग भोगने के लिए बपतिस्मा नेव का नियम है।