जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की, उन्होंने ज्योति पाई, और उनका मुँह कभी काला न होने पाया।” (भजन संहिता ३४: ५)*
देश के अगुओं ने स्तिफनुस के विरुद्ध झूठे गवाहों को खड़ा किया। वे उसके विरुद्ध झूठी बातें करते थे, तब पूरी सभा ने उसके चेहरे की ओर देखा और उनको आश्चर्य हुआ, क्योंकि उसका चेहरा परमेश्वर के दूत के समान चमक रहा था। एक ही व्यक्ति के विरुद्ध कितने लोग उठ़ खड़े हुये थे। पूरी महासभा उसके विरुद्ध थी। एक के बाद एक झूठे दोष लगाये गये और इसके बावजूद उसका चेहरा परमेश्वर के दूत के समान चमक रहा था। ऐसे सताव के समय में वह ज्यादा चमक रहा था। कैसा उद्धार ! कैसा पात्र ! ऐसा चमकता हुआ चेहरा हो यह कैसा अधिकार !
यदि कोई आपके विरुद्ध बात करे उसे आप सुने या आपके विरुद्ध कोई झूठी या शर्मजनक अफवाह फैलाया हो उसे आप सुने हो तो बहुत उदास होकर आप घर आते हैं। परंतु यदि आप परमेश्वर के द्वारा चुने हुए, अभिषिक्त, आत्मा से भरपूर पात्र हों, तो लोग जैसे जैसे बुरा व्यवहार करेंगे वैसे वैसे आपका चेहरा अधिक चमकता जाएगा। लोग आपको धिक्कारे, आपके विरुद्ध अनेक झूठी और गलत बातें करें तो भी आपका चेहरा परमेश्वर के दूत के समान चमकेगा। निर्धनता में या दूसरी किसी भी परिस्थितियों में आपका चेहरा चमकता रहेगा।
हम जब प्रभु यीशु के पास आते हैं तब उसका प्रकाश सर्वप्रथम हमारे हृदय में, उसके बाद चेहरे पर और बाद में हमारे मार्ग पर चमकता है – ‘त्रिविध दिव्य ज्योति।’ कोई प्रचारक या सेवक नहीं पर प्रभु ने, खुद जीवित परमेश्वर ने आपको चमकता चेहरा दिया है, और यदि ऐसा है तो परीक्षाओं, मुश्किलताये, सतावों और कष्टों के होने पर भी आपका चेहरा दिन-प्रतिदिन अधिक से अधिक चमकता रहेगा। ऐसे चमकते चेहरे से हम शैतान को हरा सकते हैं। स्तिफनुस का बचाव करने के लिये किसी वकील की जरूरत नहीं थी। उसका चमकता हुआ चेहरा ही उसका वकील था। आपके संबंध में भी ऐसा ही होना चाहिये। दूसरे आपको धिक्कारे, सताये या दुर्व्यवहार करे तो भी एक साक्षी के रूप में चेहरे पर प्रकाश होना जरूरी है। (२ कुरिन्थियों ४: ६) प्रभु की उपस्थिति में जैसे जैसे अधिक समय बिताएँगे वैसे वैसे आपके चेहरे पर अधिक प्रकाश आयेगा। आपके अनजाने दूसरे लोग परमेश्वर का प्रकाश आपके चेहरे पर देखेंगे और उस दिन आप दुःखों के लिए भी प्रभु का धन्यवाद करेंगे।